धनिये की खेती में सफलता के पीछे कई कारण हैं। पहले तो, धनिया की खेती को बड़े ही सरलतम तरीके से किया जा सकता है। यह फसल अपनी सही धारा, उपयुक्त मिट्टी, और सही पानी की आवश्यकताओं के साथ प्रचुर परिणाम देती है। दूसरे, धनिये का उत्पादन खरीफ और रबी दोनों मौसमों में किया जा सकता है, जिससे किसानों को वर्ष के अन्य समय की तुलना में अधिक आय मिलती है।
कुछ राज्यों में धनिये की खेती विशेष रूप से प्रचलित है और किसानों को अधिक धनवान बनाती है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं जहां धनिये की खेती को बड़े पैमाने पर की जाती है। इन राज्यों के किसान न केवल अपनी आमदनी को बढ़ाते हैं, बल्कि यह भी उन्हें स्वावलंबी बनाती है और अधिक आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
धनिये की खेती एक ऐसा क्षेत्र है जो किसानों को अधिक आय प्राप्त करने में मदद कर सकता है और उन्हें अधिक समृद्धि की ओर ले जाने में सहायक हो सकता है। यह न केवल खेती क्षेत्र में विकास का स्रोत है, बल्कि यह भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है।